Gulabo Sitabo Movie Review

आज Gulabo sitabo फिल्म अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ हो गयी है तो हम लेकर आ गये हैं आपके लिए Gulabo sitabo movie review. Shoojit Sircar एक बार फिर bollywood के महानायक Amitabh Bachchan के साथ फिल्म लेकर आ गये हैं, इससे पहले वे Pink और piku में साथ काम कर चुके हैं| Ayushmann Khurrana ने भी bollywood में डेव्यु Shoojit Sircar की फिल्म विक्की डोनर से ही किया था|

पहले ये फिल्म 12 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली थी लेकिन इस समय पूरे भारत में coronavirus की वजह से lockdown लगा हुआ है तो पूरे भारत के सिनेमाघर बंद हैं| इस वजह से Gulabo Sitabo Movie को सिनेमाघरो में रिलीज़ नही किया जा सका|

इस समय हम कह सकते हैं की भारतीय सिनेमा एक बेहतरीन दौर से गुजर रहा है। एक दशक पहले तक बिना किसी हिरोइन के कोई फिल्म चल नही सकती थी, फिल्म चलने की बात तो दूर बिना हिरोइन के कोई फिल्म बनाने की भी नही सोचता था लेकिन अब समय बदल गया है| अब बिना किसी हिरोइन, नाच-गाने और फाइट सीक्वंस के 60 की उम्र पार कर चुके कलाकार को केंद्र में रखकर फिल्म बनाई जा सकती है। पिछले 10 वर्षों में दर्शक बदला और यह बदलाव सिनेमा पर भी प्रतिबिंबित हुआ।

Gulabo Sitabo Movie Review
Gulabo Sitabo Movie Review

Gulabo Sitabo Movie Story

Gulabo Sitabo Movie  में 30-40 साल पहले के उत्ततर प्करदेश को दिखाया गया है| गर्मियों की तपती दोपहर के बाद सांझ ढलते ही तमाशा दिखाने वाले डमरू बजाते, बच्चे जुटाते और शुरू हो जाता खेल।

Gulabo Sitabo Movie अपने दर्शकों को बांधे रखेगी. आपको एक बुजुर्ग का उसकी हवेली के लिए प्यार और किरदाएदार से उसकी परेशानी देखने को मिलेगी. फिल्म का लोकेशन इतना दमदार नहीं लेकिन कहानी, निर्देशन और किरदार का अभिनय जरूर शानदार है|

Gulabo Sitabo Movie Story
Gulabo Sitabo Movie Story

फिल्म में मिर्जा बने Amitabh Bachchan शरीर से कमजोर लग रहे हैं लेकिन अपनी मोहब्बत यानी हवेली (फातिमा महल ) को बचाने के लिए उनके पास दिमागी जुगाड़ की कमी नहीं दिखती। वहीं बेचारे बने बांके की लवस्टोरी भी चलती है। आटे की चक्की पर काम करने वाले बांके को कम दाम में रहने की जगह चाहिए बस। उसके पास जवानी है, जुबान भी है लेकिन पैसा नहीं है।

शूजीत सरकार ने गुलाबो सिताबो फिल्म के सहारे उन लाखो करोड़ों बुजुर्गों के भाव दिखाए हैं जो बुढ़ापे में अपने घर से बेइंतहा प्यार करते हैं औऱ उसके लिए क्या क्या कर जाते हैं।

गुलाबो सिताबो movie की कमी

फिल्म को कोई बड़ी एक्ट्रेस देखने को नहीं मिल रही है. ग्लैमर के नाम पर आपको फिल्म में कुछ भी देखने को नहीं मिलेगा. अमिताभ बच्चन का हवेली प्रेम और आयुष्मान के बीच उनकी नोंकझोंक पर पूरी की पूरी फिल्म आधारित है.

Gulabo Sitabo Movie Review

अभिनय की बात करें तो एक बात साफ हो जाती है कि बिग बी को सदी का महानायक क्यों कहा जाता है। फिल्म में हवेली के मालिक की भूमिका में वह आपको लुभाते हैं, चौंकाते हैं, अचंभित करते हैं और आप उनकी भूमिका के प्रवाह में उनकी भावनात्मक अभिव्यक्ति के साथ डूबते-उतराते रहते हैं। आयुष्उमान खुराना ने भी जबरदस्न्होंत काम किया है दोनों के बीच की नोक झोंक आपको पसंद आएगी |

Gulabo Sitabo Movie Review Hindi

Gulabo Sitabo फिल्म में कुछ जगहों पर लगता है कि जैसे एक ही बात का दोहराव हो रहा है, पर अगला ही कोई पल दिल को छू जाता है… आंखें नम होती हैं और फिल्म महसूस होना शुरू हो जाती है। फिल्म धीरे से खत्म हो जाती है, और आपको याद रह जाते हैं इसके तमाम खट्टे-मीठे पर, बस यही इसकी सफलता है।

यूं तो गुलाबो सिताबो फिल्म की कहानी बहुत साधारण और छोटी सी है। पर इसका प्रस्तुतिकरण इतना जबर्दस्त है कि आप तारीफ किए बिना नहीं रह पाते। सगीत पर और काम किया जा सकता था|

Watch Gulabo Sitabo Movie

यदि आप गुलाबो सिताबो फिल्म देखना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक (watch gulabo sitabo) करके इस फिल्म को देख सकते हैं|

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